शनिवार, 8 जनवरी 2011

जिंदगी

ढूँढो जिंदगी तो हर जगह मिलती है,
कॉलेज बस की खिड़की में ,
हवा की नमी में ,
उछालते खड्डों में ,
मिलती है जिंदगी ..
सूखे पत्तो में ,
दोस्तों की मुस्कान में ,
बारिस की पहली बूँद में ,
मिलती है जिंदगी
घूमते मोड़ो पर ,
एक झपकी नींद पर ,
अटपटी बातो पर ,
भी मिलती है जिंदगी
ढूँढो  तो हर जगह मिलती है जिंदगी ..
मुस्कान में ,
आंसू में ,
गुपचुप बातो में ,
अँधेरी रातो में ,
ट्राफ्फिक जाम में ,
और घर के काम में ,
कहा नहीं मिलती है जिंदगी …
ढूँढो  तो हर जगह हर पल
बहती है जिंदगी
ढूँढो  तो हर जगह ,,,
कोर्स की किताबो पर
छोटे मोटे ख्वाबो पर ,
अटकी पड़ी है जिंदगी ,

ढूँढ निकालो जिंदगी ..
हर रस्ते हर मंजिल पर
हर गली हर घर ,
छुपी है जिंदगी
ढूँढो  तो ….
जीयो जी भर के ,
हर पल में ,
हर जगह ,
खुशियों के साथ ,
क्यूंकि …..बड़ी मुश्किल से मिलती है जिंदगी …

ढूँढो तो ……..


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

KHOJ

Loading
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

comments