मंगलवार, 23 अगस्त 2011

क्यूंकि हर एक दोस्त जरुरी होता है

 जब दोस्त कुछ बताते नहीं
हम भी उन्हें  सताते नहीं!!

बुलावा है उन्हें 
हर गम हर ख़ुशी में शरीक होने का
बुरा न मानू मैं
अगर वो आते नहीं!!
शुक्रिया कह जाते है 
छोटी छोटी बातों पर भी
लेकिन दर्द तब होता है
जब वो मुस्कुराते नहीं!!

मेरी गलतियो की सजा दे मुझे 
करे बातें हजार
दुःख होता है तब
जब वो समझाते नहीं!!!

हँसते खेलते हर पल में हर दोस्त जरुरी होता है
भले ही वक़्त की फुर्सत में हम बतियाते नहीं!!

सोचता हूँ  हर  लम्हा   तुम्हारी   यादें 
लिखता  हूँ  दिल  पे  अपने  तुम्हारी सारी बातें 
गिला तो ये है की  वो कलम से कागज पर हमेशा  आती  नहीं  !!
KHUS!DOST!AM!T


शुक्रवार, 12 अगस्त 2011

कुछ और सही.......

हकीकतों के दामन को,
पकडे रखना बच्चो का खेल नहीं,
गर लगता है डर हकीकत से, तो चलो
हकीकत से आगे कुछ और सही......... ।
प्यार निभाना न जान पाए कभी हम,
रिश्तो की भी पहचान हमे नहीं,
अब तो खुद से भी कट कर रहता हूँ मैं,
चलो जिंदगी से आगे कुछ और सही....... ।
निराशा आशा के अंतर्द्वंद में ,
कौन है सही जानना आसान नहीं,
निराशा रात है उस अगली सुबह के लिए ,
गर सुबह न मिले तो चलो शाम ही सही..... ।
पहचानने की चाहत में खुद को,
भूल सकता अपनी चाहत को नहीं,
गर उम्मीदों के काफिले चल चुके काफी आगे,
आओ तय करें रास्ता उनके पीछे ही सही..... ।
ख्वाबों के आँगन में नाचते मन को,
देखकर भी भरता सूनापन मेरा नहीं,
कुछ पलों की बिसात पे बीचा दूं सब कुछ
इस अकेलेपन में यादों का सहारा ही सही.... ।
हुयी जो भी गलतियाँ, जो रहे शिकवे गिले,
उन्हें भुलाकर आगे बढ़ना मुमकिन नहीं,
पर ठीक उन्हें कर आगे ही बढूँगा मैं,
चाहे इस राह पर शूल लाखों ही सही.....
इस बार इन सबसे आगे कुछ और सही..........
कुछ और सही............



आपको एक और भेंट,
संपूर्ण ख़ुशी!!!!!!!!!!!!!

दुनिया......!!!!!

बदलते हुए मौसमो की ये दुनिया
कभी गर्म तो
कभी सर्द होगी,
कभी बादलों से नहाएगी ये धरती,
तो कभी दूर तलक गर्द ही गर्द होगी,
फकत एक तुम ही नहीं हो,
यहाँ जो भी अपनी तरह सोचता है
ज़माने और जिंदगी की रंगत से खफा है।
हर एक जिंदगी नया तजुर्बा है,
दुनिया यही थी,
वही आज भी है,
यही कल भी रहेगी.........
काश......... ।


शुभकामनाओ के साथ,
आपका संपूर्ण ख़ुशी !!!!

आई लव यूं !!!!!!

जब सो जाती है सारी दुनिया
चुपके से आकर चाँद
खड़ा हो जाता है
मेरी खिड़की के सामने
और मुस्कुरा के कहता है
खोज लो मुझमे वो चेहरा
जिसकी तलाश में तुम हो
हवाएं खडखड़ाकर सांकल
पूछती हैं बहुत उदास हो न
अगली बार जब लौटूंगी
सपनो के देश से
जरूर लेकर आउंगी
उसका पता
बादल कहते हैं हम तो
ययाचार हैं
भटकते हैं, देश-विदेश
कभी चलना हमारे साथ
मिलकर ढूँढेंगे उसे
चाँद, सितारे, कोयल
भँवरे सब करते हैं
तुम्हारी ही बातें
मई सुनता हूँ चुपचाप
और सबके चले जाने के बाद
धीरे से बोलता हूँ एक शब्द
मैं जानता हूँ , तुम जहाँ हो,
जहाँ कहीं भी हो,
जरूर सुन लोगी
मेरे ये शब्द,
आई लव यूं !!!!!!


प्रेम सहित आपको समर्पित,


बुधवार, 10 अगस्त 2011

आजकल गलियों में .......

यूं तो मैं  हमेशा उन गलियों से गुजरता था,
अब भी गुजर जाता हूँ कभी कभी ,
पर अब वो एहसास साथ नहीं होता,
जो पहले यादो से होकर वादों में बदलता था।
साइकिलों पे बजाते घंटियाँ हम गुजर जाते थे,
हवा का झोंका बनकर उड़ाते हुए धुल भरे गुबार,

रविवार, 7 अगस्त 2011

Friend-ship

भूल जाऊ कुछ, तो याद दिलाते है
गम का मौसम हो या ख़ुशी की बारिश
हमेशा साथ देने चले आते है
रातो को जागकर जन्मदिन मेरा मानते है
दूर है जो तो क्या हुआ 
मिलते है जिस दिन
उसी दिन सारी जुदाई की कसर निकालते है 
याद मुझे आती नहीं उनकी

KHOJ

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