रविवार, 10 अप्रैल 2011

मंजिले यहाँ रास्ते यहाँ

मंजिले यहाँ
रास्ते यहाँ
किसकी है फिक्र
ढूँढते तुम उनको हो कहाँ
ये चाहतें ही तो रखती है तुमको तो जवाँ
मंजिले यहाँ
रस्ते यहाँ
ले ले साथ उसे जो मिले जहा
चलते चल जो नप सके ये जहाँ.........
मंजिले यहाँ रास्ते यहाँ .....:)

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KHOJ

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