मंगलवार, 1 नवंबर 2011

गम तो आता जाता रहता है

गम  अपने  दिल  का  जब  कोई  बाँट  लेता  है...
उसके  रोने   पे  रोना   भी  आता......
पर  अपना  ही  गम  बड़ा  लगता  है
दिल  से  झेला  नहीं  जाता ............
क्यूँ  न  फिर  तू  दिल  को  समझाता ...
समझोते   सिर्फ  तेरी  किस्मत  में   नहीं ......
सबकी  हाथो  की  लकीर  पे  लिखे  है .....
गम  को  छुपा  सिर्फ  तू  ही  नहीं  मुस्काता  है ..
वक़्त  की  अंगड़ाई  से  रोना  सबको  आता  है ...
कुछ  करते  है  नुमाइश  उनकी ..
और  कुछ  से  मुस्कुराये  बगैर  रहा  नहीं  जाता है .......
सो  तू  भी  मुस्कुरा  आंसू  सिर्फ  ख़ुशी  के  ला
गम  तो  आता  जाता  रहता  है .....गम  तो  आता  जाता  रहता  है

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