शनिवार, 8 जनवरी 2011

स्नेह


उनको   देख  बरबस  हँसी   फूट  आती   है 
उनकी   तकरार 
उसमे   छिपा   प्यार 
उनका    एक    छोटा   सा    संसार 
जीवन  में  रस    घोलता    सदाबहार 
वो    क्षणिक     कतुवार्ता 
वो  दूर  देशकी       बातूनी यात्रा 
हर  पल  बड़ा  होने  के   लिए   उनका   बचो   सा   लड़ना 
कभी  बिन  कहे  ही    चेहरा  पढना 
मिलकर  मस्त  हो  जाना 
भूलकर      दुनिया   को    खो जाना 
मेरा     बात  बात    पर    उनको   जगाना 
उनका     बचपने  में  बहुत    कुछ     सीखाना 
अपनी     तारीफ      सुन    कर     झेप    जाना 
वाकई  में  उनको     देख कर  बरबस  ख़ुशी छूट   जाती   है 
लबो    पे  मेरे  हँसी    फूट    आती   है ………….:)
Khush!dOst!amit…..:)

1 टिप्पणी:

KHOJ

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