रविवार, 16 जनवरी 2011

“मेरा मन मेरा मन ” फ्रॉम drafts

मेरा मन मेरा मन
कुछ न सोचे न कुछ समझ पाए
कुछ न इसे भाये
क्या करू क्या करू
हर घडी तू ही नजर आये , नजर आए
जीवन मेरा थम सा गया
हर लम्हा बदल सा गया
जो तू आए जो तू जाए
दीवाना बनाये
मेरा मन मेरा मन
कुछ न सोचे न कुछ समझ पाए
जो तू मुस्काये जीवन जगाए
उजाले ही उजाले फैलाए
जीवन मेरा थम सा गया
हर लम्हा बदल सा गया
जो तू आए जो तू जाए
दीवाना बनाए
मेरा मन मेरा मन ____________
तो केवल ख़ुशी को चाहे उसी को पाए
“मेरा मन मेरा मन ”
अपूर्व कुमार आनंद
Followed by me in class 4th sem




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KHOJ

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