मंगलवार, 20 सितंबर 2011

याद करूँगा


याद करूँगा 
तेरे संग वो ३ रूपए की सवारी 
अपनी मस्त मौला यारी 
तेरे संग बीता हर वो पल 
याद आएगा कल 
जब कोई देर से नहीं आएगा 
डांट कर न मुझे कुछ  सुनाएगा
याद करूँगा 
तेरा ये चंचल स्वाभाव
पल में उसमे निर्मलता का भाव
तेरी वाणी का तेज
और उसमे दोस्ती की छाव
याद करूँगा
तेरे उस दूर देश को
सोच कर तेरे भेस को
हसूंगा इठलाऊंगा 
तेरी यादो में खो जाऊंगा 
याद करूंगा 
तेरा मुस्काना 
पल जब न हो मेरे पक्ष में 
मुझे प्रेरित कर जगाना 
पढ़ कर मेरी कविताये 
तेरा खो जाना 
याद करना तू भी 
एक दोस्त-एक भाई को 
कुछ पलो के इस हमराही को
 ध्यान रखना इतना 
यु तो कोई गम तेरे पे न आएगा
गर हुआ कुछ मुमकिन ऐसा 
तो याद करना हमेशा 
तेरे संग तू हम सबको पाएगी
संग तेरे तू हम सबको पाएगी 
यु तो है किस्से हजार 
हमारे बीच की दोस्ती और प्यार के 
पर अभी सिर्फ इतना ही लिख पाउँगा 
बाकी समेट के अपने दिल में
तुझे कल को अपनी याद दिलाऊंगा 
..............  तुझे कल को अपनी याद दिलाऊंगा ..........
तेरी खुशियों की आशा के साथ तेरा दोस्त तेरा भाई.........अमित :):) keep smiling



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