शुक्रवार, 10 जून 2011

आवारा पंछी


आवारा पंछी,
फिरता है यहाँ वहाँ,
आवारा पंछी,
कर दे कदमो में सारा जहाँ,
आवारा पंछी
डगमग -डगमग उड़ता रहा.
हवा के संग घुलता रहा .. आवारा पंछी .
होठो पे हर पल है हँसी
गाता ज़िन्दगी जो आँखों में है बसी ..
अआवारा . . .अआवारा पंछी.
क्या सच क्या झूठ संग उसकी ख्वाहिशो का जहाँ...
आवारा पंछी . .फिरता है यहाँ वह.
मिले मंजिल तो खुश है ..न मिले तो .
राह से ही जिन्दगी चली.
खिल जाए गुलाब हँसी का कभी..तो कभी मुस्कान की नन्ही कली.
आवारा पंछी.






पंछी आवारा

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