बुधवार, 25 जनवरी 2012

गणतंत्र की बयार

साल  में  फिर  से एक  बार
बहेगी  "गणतंत्र " की  बयार
होगा  कुछ  तो  असर
फहराएँगे   झंडे   हजार
फेसबुक  रंग-तिरंगा  होगा 
"Status"  में  होगी  सबके  गणतंत्र  की  पुकार
स्कूलों में  बूंदी  बटेंगी  मजेदार
इसकी  ही  ओते  में  कर  रहे  होंगे  कुछ
नेता  एक  दूसरे  पर  वार
कुछ  है  नए  वादों  और  इरादों  के  साथ  तैयार
कुछ  कहेंगे  "हर बार  का  नाटक  है  यार"
देश  बदलने  के  किये  "हम कर भी क्या सकते है यार"
कुछ  के  हाथो  में  ही  तो  है  देश  की  पतवार
कुछ  कर  रहे  है  करते  रहेंगे  देश  को  बीमार
कुछ  है  जो  द्रढ-निश्चय  लेंगे  करने  को  देश  का  उद्धार
भारत  माता  की  जय ....गणतंत्र  अमर  रहे  कहते  हुए
बीतेगा  ये  हसीन  ठण्ड  की  जनवरी का  आखिरी  शुक्रवार ...
वीकेंड  काफी  है  उसके  बाद    सोमवार
उतर  जाएगा  तब  तक  "गणतंत्र" बुखार
पर  बात यही   ख़तम  नहीं  होती
अगले  साल  फिर  एक  बार
बहेगी  "गणतंत्र " की  बयार . ....

सभी को  ६३ वा   गणतंत्र    मुबारक   हो .......वन्दे मातरम्

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