प्रेम हमेशा से एक पहेली है ! पर अगर इस पहेली को समझना हो या फिर इस पहेली का उत्तर खोजना हो तो बस एक बार माँ का चेहरा देख लो,उसके वात्सल्य से ही प्रेम पनपा है,अब जब मैं माँ से दूर हूँ (माँ घर पर है और मैं मुंबई आ गया हूँ ) तो कई बातें दिल में आती है जो माँ को बता नहीं पाता हूँ कहीं वो और चिंतित न हो जाए !!
उन्ही कुछ बातों को लिखने की कोशिश है !!
एक पंक्ति में कहना हो तो इतना ही कहूँगा की "प्रेम शब्द है और माँ भाव है" और इस भाव से शायद ही कोई अछूता है !!
जीवन में मेरे सबसे पहले
प्रेम की पूर्ण लौ जगाने वाली,
अँधेरे से मुक्त कर इस दुनिया में लाने वाली
वो एक कहानी है ,
उसका ही मैं एक छोटा सा किस्सा हूँ
वो मेरी पहली दुनिया ,सारा संसार
उसका मैं हिस्सा हूँ ,
पल पल जलती,
मेरी खुशियों के लिए
मोम सी पिघल जाती है,
रातो को करवटे बदल मुझे सुलाती थी,
बाद सुनने के तुझे मुझे नींद आती थी
अब दूर हूँ तुझसे तो याद करता हूँ,
जब तू सारी बातें मुझे बताती थी
अब तो बस एक फ़ोन कॉल से तू खुश होती है
मुझे पता है लेकिन,
रातो को तू याद में मेरी रोती है
जब भी परेशान होता हूँ ,
याद करता हूँ तुझे
और खुश होता हूँ ,
तूने जो भी सिखाया है
अब मेरे काम आया है,
कहने को बहुत कुछ है
पर अभी इतना ही बता पाउँगा,
बाकी बातें तब जब इस बार जब घर आऊंगा
कर रहा हूँ वही जो तूने कहा था सही,
शब्दों में बांधना तुझे मेरे बस में नहीं
तुझे लिखने से डरता रहा हमेशा ही
कभी कहा नहीं,
शायद ही कहूँगा कभी .......... निरन्तर क्रमश कभी न ख़त्म होने वाली कविता/भाव /कहानी ...........
"माँ" I LOVE YOU
उन्ही कुछ बातों को लिखने की कोशिश है !!
एक पंक्ति में कहना हो तो इतना ही कहूँगा की "प्रेम शब्द है और माँ भाव है" और इस भाव से शायद ही कोई अछूता है !!
जीवन में मेरे सबसे पहले
प्रेम की पूर्ण लौ जगाने वाली,
अँधेरे से मुक्त कर इस दुनिया में लाने वाली
वो एक कहानी है ,
उसका ही मैं एक छोटा सा किस्सा हूँ
वो मेरी पहली दुनिया ,सारा संसार
उसका मैं हिस्सा हूँ ,
पल पल जलती,
मेरी खुशियों के लिए
मोम सी पिघल जाती है,
रातो को करवटे बदल मुझे सुलाती थी,
बाद सुनने के तुझे मुझे नींद आती थी
अब दूर हूँ तुझसे तो याद करता हूँ,
जब तू सारी बातें मुझे बताती थी
अब तो बस एक फ़ोन कॉल से तू खुश होती है
मुझे पता है लेकिन,
रातो को तू याद में मेरी रोती है
जब भी परेशान होता हूँ ,
याद करता हूँ तुझे
और खुश होता हूँ ,
तूने जो भी सिखाया है
अब मेरे काम आया है,
कहने को बहुत कुछ है
पर अभी इतना ही बता पाउँगा,
बाकी बातें तब जब इस बार जब घर आऊंगा
कर रहा हूँ वही जो तूने कहा था सही,
शब्दों में बांधना तुझे मेरे बस में नहीं
तुझे लिखने से डरता रहा हमेशा ही
कभी कहा नहीं,
शायद ही कहूँगा कभी .......... निरन्तर क्रमश कभी न ख़त्म होने वाली कविता/भाव /कहानी ...........
"माँ" I LOVE YOU
खुबसूरत अभिवयक्ति.....
जवाब देंहटाएंwaah !! Aavart......
जवाब देंहटाएंdhnyawaad mitro :)
जवाब देंहटाएंhar shabd tol k likha hai..... touched my heart
जवाब देंहटाएं😊 thanks bro maa se related sab kuch choo jata hai
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