रविवार, 7 अगस्त 2011

Friend-ship

भूल जाऊ कुछ, तो याद दिलाते है
गम का मौसम हो या ख़ुशी की बारिश
हमेशा साथ देने चले आते है
रातो को जागकर जन्मदिन मेरा मानते है
दूर है जो तो क्या हुआ 
मिलते है जिस दिन
उसी दिन सारी जुदाई की कसर निकालते है 
याद मुझे आती नहीं उनकी

क्यूंकि हर पल वो ही नजरो के सामने दिल में उधम मचाते है 
सच्ची-मुच्ची लड़ते कभी तो कभी मजाक में चिड़ाते है
टिफिन का खाना हो या हो परेशानी कोई
हमेशा सबसे पहले हाथ बढ़ाते  है
एक पल में इतना कुछ दे जाते है
में सोचता  कम हूँ
और मेरी कलम पन्ने भर जाती है 
आज का पता नहीं
लेकिन सुना है कल को दोस्तों की  बहुत याद आती  है 
कल को दोस्तों की  बहुत याद आती  है!!!!!!  

 
 

KhuSh!DosT!Am!t





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