मेरा मन मुझसे नाराज क्यूँ
ख़ुशी पूछती है
ख़ुशी पूछती है
दिल में जज्बात है, नहीं जताते क्यूँ
ख़ुशी पूछती है
चाहते हो हर दम ही गम क्यों
ख़ुशी पूछती है
अकेला रहना भाता है क्यूँ
ख़ुशी पूछती है
रोने में ही मिलता है सुकून क्यूँ
ख़ुशी पूछती है
मन कहे चाहू तुझे हर दम
इसलिए भाते सिर्फ गम
नाराज न में हु तुजसे
बस देखना चाहू कितना प्रेम करती तू मुझसे
दिल में जज्बात जताने के लिए नहीं
हमेशा रहे प्रेम बस यही सही
रोने में सुकून मिटा है या नहीं
में हँसु और हो न ख़ुशी ,है क्या ये सही
दुःख , दर्द , अकेलापन ,आंसू ,नाराजगी यही तो मिला
फिर भी चाहते हो मुझे क्यूँ
खुशी पूछती है !!!!!
चाहत सिर्फ तेरी है
मिले संग चाहे कुछ भी
मकसद तो है केवल पानी है ख़ुशी
मन हमेशा कहे
ये सब था
सिर्फ ख़ुशी के लिए ख़ुशी के लिए !!!!!!!
ख़ुशी दोस्ती अमित ...................
ख़ुशी दोस्ती अमित ...................