8/02/2010
Kya hota h jb bewajah koi mil jata h,
Kehte h log hmse k hme pyar ho jata h,
Bahar ki duniya sahi chalti h,lekin dil ka haal bigad jaata h
Hr rasta na jaane kyun unki ore mud jata h,
Hr koi apne aap ko he kyun tanha paata h,
Soch soch k apne chehre ko kyun murjhata h,
Pucho toh keta h,
Bahar ki duniya sahi chalti h,lekin dil ka haal bigad jaata h,
Automata me gaane sunta h,
Java me thoda sa padta h,
Dbms me dosto k saath bunk maarta h,
Co ki class me gaane suntan h,
Aage kya batau tumhe ptas h
Free lecture me dosto se batiyata aur khelta h,
Lekin jb baat kro toh kehta h
Dil kbi kbi ajeeb ho jaata h
Na jeene ko jee chahta h,marne se b darr lagta h
Bahar ki duniya sahi chalti h,lekin dil ka haal bigad jaata h
Khush!Dost!Am!t....:)
ये ब्लॉग पूर्ण रूप से मेरे दोस्तों और मेरे छोटे से जीवन के कटु-मृदु अनुभवों को समर्पित है!!!! जो हमेशा मेरे साथ है.....
बुधवार, 14 अप्रैल 2010
wo bhi dukhi tha
आज जब देखा उसे बेंच पर टिकाए सर
थोड़ा सा घूमा मेरा दिमाग इधर उधर
फिर पूछ बैठा मैं किसी से क्या हुआ है इसे
कभी भी दुखी न देखा था जिसे
आज क्यु वो गमगीन है
मुझे तो लगता था शायद यही है वो
दुनिया जिसकी हर पल हसीन है
और तो और वो यही नहीं थमा
अचानक जब दिखी उसकी एक झलक
सन्न सा था मैं
सकते है आंसू उसकी आँखो से भी छलक
क्यू था वो आज इतना उदास खोया खोया
उठने के बाद भी बेंच से थोड़ा सोया सोया
पूछ्ते रहे सभी
कुछ तो बताए कारण
पर मैं ही था जिसे न पता चला कुछ
आँसू इसके भी आ सकते है सचमुच
धोखा देना आसान है दुनिया को
बजाय इसके कि दो तुम खुद को
अब वो उठ चुका था
मोती जो पिघला था अब वो सूख चुका था
फिर चढने लगी रंगीनियत उसके मिजाज में
आने लगी वही पुरानी शरारत उस्के अन्दाज में
चहक कर फिर से सताने लगा पूर्ववत सबको
छुप गये थे सारे आँसू अब जो
दिखाने लगा फिर से अपनी झूठी खुशी
जाने अन्जाने वो सब कुछ दिखा गया
कि खुश रहना शायद सबकी मजबूरी है
पर रोना हर पल ना सही कहीं न कहीं जरूरी है।
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