जब मुस्कुराने की "चाहत" न हो
किसी के आने की "आहट" न हो
जिंदगी अकेले में "उकसाने" लगे
सब छोड़कर साथ तुम्हारा जाने लगे
तब एक "आस" तुम रखना
जीवन की "प्यास" तुम रखना
समेट कर बूंदों को "मुस्कान" की
भर लेना अपने "मुख-पृष्ठ" पर
दोहराना 2 पल एक बात
एक बार "उफ़-जिंदगी" से "वाह-ज़िन्दगी"
क्यूंकि ज़िन्दगी मिलेगी न दोबारा..........
किसी के आने की "आहट" न हो
जिंदगी अकेले में "उकसाने" लगे
सब छोड़कर साथ तुम्हारा जाने लगे
तब एक "आस" तुम रखना
जीवन की "प्यास" तुम रखना
समेट कर बूंदों को "मुस्कान" की
भर लेना अपने "मुख-पृष्ठ" पर
दोहराना 2 पल एक बात
एक बार "उफ़-जिंदगी" से "वाह-ज़िन्दगी"
क्यूंकि ज़िन्दगी मिलेगी न दोबारा..........
Awesome Bro. Very Nice Poem. Loved it ...♥
जवाब देंहटाएंThank you Yogesh :)
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